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इस जग की है रीत पुरानी, जीव का तो अंत है। पर क्या

इस जग की है रीत पुरानी,
जीव का तो अंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

हो  गति जबतक हृदय में,
मृत्यु पा सकता न जीवन।
जीवन मोह का संगि साथी,
मृत्यु मोक्ष का है आरोहण।

कर्तव्यों के प्रति जागरूक,
काल समान अनंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

अटल सत्य से भय लगता है,
क्षण भंगुर जीवन से प्रेम।
महा भंवर सा ये जीवन है,
मृत्यु बिना मिले ना चैन।

मृत्यु से ना कोई बच पाया है,
मृत्यु तो अरिहंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

माया मोह महा पापिनी,
देह पाप पुण्य का साधन।
मृत्यु को कोई बांध ले,
नहीं बना वो बंधन।

प्रिया मिलन के आस लिए,
हृदय की ज्योति ज्वलंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

सोमेश त्रिवेदी (पीयूष) #NojotoQuote मृत्यु भी जीवंत है
इस जग की है रीत पुरानी,
जीव का तो अंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

हो  गति जबतक हृदय में,
मृत्यु पा सकता न जीवन।
जीवन मोह का संगि साथी,
मृत्यु मोक्ष का है आरोहण।

कर्तव्यों के प्रति जागरूक,
काल समान अनंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

अटल सत्य से भय लगता है,
क्षण भंगुर जीवन से प्रेम।
महा भंवर सा ये जीवन है,
मृत्यु बिना मिले ना चैन।

मृत्यु से ना कोई बच पाया है,
मृत्यु तो अरिहंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

माया मोह महा पापिनी,
देह पाप पुण्य का साधन।
मृत्यु को कोई बांध ले,
नहीं बना वो बंधन।

प्रिया मिलन के आस लिए,
हृदय की ज्योति ज्वलंत है।
पर क्या जान सका है कोई,
मृत्यु भी जीवंत है।

सोमेश त्रिवेदी (पीयूष) #NojotoQuote मृत्यु भी जीवंत है

मृत्यु भी जीवंत है