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चले है घूमने चांद संग, फिज़ा में बिछा है सुनहरा रं

चले है घूमने चांद संग, फिज़ा में बिछा है सुनहरा रंग।
भाए मन को ओंस की बूंदे, ठंडी पवन चले मंद मंद।।
तरुवर नाना आकार धरे, कभी जंतु कभी भूधर लगते।
शशिधर की मंद ज्योति में, मन को पग पग पर ठगते।।
कदम से कदम मिलाकर हिमकर, हर पग साथ निभाते।
रात अकेली नहीं तुम्हारी, हर पल यह एहसास दिलाते।। ऐसी आवारगी का भी अपना मज़ा है।
#रातकाअफ़साना #yqdidi #jaunpuri #gahni #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
चले है घूमने चांद संग, फिज़ा में बिछा है सुनहरा रंग।
भाए मन को ओंस की बूंदे, ठंडी पवन चले मंद मंद।।
तरुवर नाना आकार धरे, कभी जंतु कभी भूधर लगते।
शशिधर की मंद ज्योति में, मन को पग पग पर ठगते।।
कदम से कदम मिलाकर हिमकर, हर पग साथ निभाते।
रात अकेली नहीं तुम्हारी, हर पल यह एहसास दिलाते।। ऐसी आवारगी का भी अपना मज़ा है।
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