रात की चादर में, सितारे पिरोकर खोए है चाँद के तकिए पर, हर ग़म भुलाकर सोए है पूर्णिमा की रात, धरा - चंद्र का मिलन, ऐसी ही इक रात, होगा अपना मिलन #चाँद #रात #सितारे #ग़म #तकिया #yqbaba #yqdidi