"यह हमारी, नजरों का ही दोष है की पत्थर को पत्थर देखना है कि पत्थर में परम्। "उनके आंचल, में बैठने के बाद पता चलता है कितना "हृदय" है नरम। ©Abhishek tripathi#chgr@c #Aasmaan