समुन्दर किनारे पर बैठ कर सोच रहा था.. कि कौन ज्यादा मजबूर है। ये किनारे जो चल नहीं सकते, या ये लहर जो थम नहीं सकते, चंद्रेश बिन्द..✍ #चंदूडायरी #मजबूर