"ज़िन्दगी में क्या कमी है?", पूछा तो "अपनी मनमर्जी नहीं है।", बोले वो "क्या हुआ जो इस क़दर मायूस हो? छोटी मोटी दिक्कतों को जाने दो" "जाने तो दें हम मगर जाती नहीं चाहते हैं जिसको वो आती नहीं दूर से दिखता है जब वो चाँद सा पास की कोई शक्ल फिर भाती नहीं अपनी ही चाहत से हम हैं ग़मज़दा भेज दें जो उसको वो पाती नहीं" "यूँ करो इक नज़्म लिख कर भेज दो हाले दिल चुपके से उसमें बयां करो क्या पता जाए पिघल दिल उसका भी नज़्म के बदले ग़ज़ल की दुआ करो फिर भी ना आये जो पाती प्यार की मिल जाए जो उसमे ही गुज़ारा करो" रास आ गयी मित्र को मेरी सलाह ले गया सारा अंधेरा वो चाँद आ घर में छन छन की खनक फिर छा गयी मित्र का सब दुख कहीं फिर जा छुपा कुछ दिनों के बाद पूछा फिर वही "ज़िन्दगी में अब भी क्या कुछ है कमी?" फिर वही मायूस चेहरा रो पड़ा फिर वही था जवाब,"मनमर्जी नहीं" -अंजलि राज #YQdidi #अंजलिउवाच #क्याकमीहै #मेरेमित्र #मनमर्ज़ी "ज़िन्दगी में क्या कमी है?", पूछा तो "अपनी मनमर्जी नहीं है।", बोले वो "क्या हुआ जो इस क़दर मायूस हो? छोटी मोटी दिक्कतों को जाने दो" "जाने तो दें हम मगर जाती नहीं