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खुद को धोखा देने की भी हद हो गई की जिसे कभी पाया ह

खुद को धोखा देने की भी हद हो गई
की जिसे कभी पाया ही नही उसे खोने का डर हैं 
और झूठ इस कदर हमने खुद से बोला 
की जिसे हम चाहते हैं 
वो भी हमे चाहता बहुत हैं 
और दिन रात उसी से बाते करते थे
ये देख सब कहने लगे अकेले मे बड़बड़ाता है,
 लगता पागल बहुत हैं

©Kumar Gaurav #Shayar #shyari #Poet #writer #iamdwriter #Hindi #Poetry #kavi #kavita #SAD
खुद को धोखा देने की भी हद हो गई
की जिसे कभी पाया ही नही उसे खोने का डर हैं 
और झूठ इस कदर हमने खुद से बोला 
की जिसे हम चाहते हैं 
वो भी हमे चाहता बहुत हैं 
और दिन रात उसी से बाते करते थे
ये देख सब कहने लगे अकेले मे बड़बड़ाता है,
 लगता पागल बहुत हैं

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