Hindi shayari quotes स्वयं के 33 करोड़ देवता मानने के बाद पीर और मजारों को पूजने वाले हिन्दुओं से....... ज़रा कुछ होश में आओ, खोल बुद्धि के द्वारों को, भला किस हक से गाते हो, राम की जय के नारों को, तुम्हें किस बात का है गर्व, ओ हिन्दू बताओ तो, जबकि तुम पूजते रहते, हो पीरों और मजारों को।। करोड़ों देवता तेरे, भला क्या सोचते होंगे, देख के दुर्दशा अपनी, स्वयं को कोसते होंगे, तू जाके पूजता है पीर इसको देख कर सारे, वो ख़ुद ही ख़ुद के चेहरों को, शर्म से नोंचते होंगे।। देवता रो रहे होंगे, तेरे सब देख जानकर, स्वयं को कह रहा हिन्दू, तू कैसे सीना तानकर, जो तेरे धर्म को भगवान को, गाली महज़ देते, उन्हीं के पूजता पीरों को, है भगवान मानकर।। ---रोहित