मज़हबी मुल्क में रहने वाला, मज़हबी लोगों से डरकर भाग कर आया है। जो वहाँ शहनशाह की ज़िंदगी जी रहा था, वो यहाँ शरणार्थी बनने आया है।। मुल्क से पहले मज़हब को तवज्जों देने वाला, न मज़हब बचा पाया न मुल्क बचा पाया है। खुद को सबसे ताकतवर कौम कहने वाला, अपने बीवी बच्चे छोड भाग आया है।। ये तो शुरुआत है थोड़ा ठहरो, अभी तो ये और गन्द मचाएगा। चुनाव का अधिकार पा कर, देश विरोधी नेताओं को जिताएगा।। वो दिन दूर नहीं जब ये भी कोहराम मचाएगा, जिस मार काट से डर कर ये भागा है, वही कत्लेआम ये यहाँ मचाएगा। अब भी वक़्त है उठो और जागो सोने वालों, भाई चारे का पाठ विपक्ष सिर्फ तुमको ही पढ़ाएगा। नहीं समझे जो अब अगर ये राजनीति, तो अगला टाइम हम सबका ही आएगा।। - राहुल कांत ©Raahul Kant मज़हबी मुल्क में रहने वाला, मज़हबी लोगों से डरकर भाग कर आया है। जो वहाँ शहनशाह की ज़िंदगी जी रहा था, वो यहाँ शरणार्थी बनने आया है।। मुल्क से पहले मज़हब को तवज्जों देने वाला, न मज़हब बचा पाया न मुल्क बचा पाया है। खुद को सबसे ताकतवर कौम कहने वाला,