बस तेरे कुछ सवाल, कुछ मेरे जवाब को लिख कर, रुक जाती यह कलम मेरी, मेरे कुछ सवाल, तेरे कुछ जवाब को याद कर, थम जाती साँसे मेरी उम्मीद लगाए बैठी हूँ, नए साल के साथ हमारी भी एक नई शुरूवात हो, हमरी कड़वी यादों की जगह प्यार की बौछार हो यूँ कह लो कि हम नए साल के इंतज़ार में है (Read in caption) आज क्यों ये शाम बिखरी हुई सी लग रही है सहमी हुई सी मेरी ही परछाई लग रही है यूँ लग रहा है कि सब हमसे दूर जा रहे है एक पल था दोस्ती और प्यार का आज वो पल धुन्दला रहा है