___ वो नारी हैं, अपने में परायी हैं!! कर्म के रूढ़ में बंधी खड़ी हैं, अपनो के मध्य वो स्वयं नहीं हैं! एक साथ वो जोड़ हैं जाती, दो परिवार के मेल को! ज़िंदगी के दौर में, सहेज जाती हैं परिवार को!! वो नारी है स्वयं में परायी हैं!! देश के रूप की कलाकृति, आज सर्व विश्व में फैला रही! अपनी संस्कृति की चमक बिखेरें, देश की सभ्यता को हैं बड़ा रही!! आदर के साथ हमें, संघर्ष उनका स्वीकारना हैं! वो नारी हैं जो.. स्वयं में खड़ी काया हैं!! ©Nik Pant नारी हैं अपने में ही शक्ति हैं।। लेख !! #नारी #शक्ति #niklekh #Nojoto #nojotohindi #NojotoFamily #nojotopoetry #Poetry #poetcommunity #poetrycommunity