मूंछों में उसकी तलवार सी धार, आंखो से मचा दे रण में हाहाकार , तख्त मुगल सल्तनत के हिल गए, सिंह महाराणा ने जब भरी हुंकार, छोड़ महल उसने रोटी घांस की खाई , सर कटाने को त्यार गुलामी ना अपनाई, खून नही उसकी रग रग में बहता है अंगार जय जय वीर महाराणा राजपूती सरदार जय जय वीर महाराणा प्रताप .. ©Akash Rajput #maharanapratap #महाराणा #प्रताप