राजपूतों के लिए खेल तमाशा था बरछी ढाल कृपालो का , तलवार उठी मुगल कटे जैसे जोहर जलप्रपातो का शंखनाद हुआ राजपुती खेमे में हर हर महादेव गूंज उठा हल्दी घाटी की भूमि में आया मान अभिमान लिए ,हाथी पर तीर कमान लिए मुगलों की अरी सेना लिए कुल कलंक दाग का गहना लिए मान का मर्दन करने सिंह गरजा हल्दी घाटी में सर कटे इधर , धर पड़े उधर कुछ मुंड बहे नलों में चेतक पर सवार महाराणा है मुगलों का मृत्यु संदेश लिए वक्षस्तल विशाल नेत्रों में आग , दोनो हाथों में भाला लिए अल्लाह खेर अल्लाह खेर चीख पुकार शत्रुदल में काल भैरव आन गयो , हल्दीघाटी के रण में चेतक तो चेतक ही था शत्रु पर ऐसे प्रहार किया कुछ को कुचला कुछ को मसला जैसे सिंह ने शिकार किया जय महाराणा जय महाराणा जय हो जय हो जय हो क्षत्रिय दीपक की जय हो एकलिंग की जय हो ©Prabhash Chandra jha #हल्दीघाटी रण #राजपूत