आदमी मुसाफिर हैं अपनी सफर ए हयात का, मुंतजिर हैं जीवन मे कुछ हसीन सी सौगात का, मिलता नही कुछ सिवाय जीवन मे भटकने के, रोज़ गला घोंटता हैं अपने जज्बा ए जज्बात का। 🎀 Challenge-392 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ Happy International Men's Day ❤ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।