वो सियाचिन की बर्फ से लेकर, द्रास में घाट लगता है। वो तिरंगे में लीपकर, इस माटी का कर्ज चुकाता है।। घर परिवार वो छोर छार, इस देश से रिश्ता निभाता है। लहरो तुफानो को चीर फाड़, वो सबकी जान बचाता है।। ना डर ना भय ना आहत उसको, इस देश बस है चाहत उसको, दस दस गोली खाकर भी वो, दुश्मन से लड़ते जाता है। इस जंग भरी जिंदगी में वो, शांति की अलख जगाता है।। #munasif_e_mirza #munasif_life #independeceday #15august