फिज़ा बदली है पर मन नहीं करता अब उजालों में जाने का... आदत सी हो गई है अंधेरों में रहने की डर भी लगने लगा अब उजालों में जाने का... ऐसी चोट लगी है दिन के उजाले में बचाया है अँधेरों ने अब मन नहीं करता उजालों में जाने का.. धूप निकलती थी खुशी सी होती थी अब घोंट लिए अरमान तो मन नहीं करता अब उजालों में जाने का.. हम अपने अँधेरों में क़ैद रहते हैं मगर बाहर धूप निकली हुई होती है। Collab करें YQ Didi के साथ। #धूपनिकलीहै #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #pra