मुझे जिस्मों की तलब ना थी ना ही किसी के जज्बातों से खेला हूँ दिल यादों से भरा पड़ा है मेरा गहराईयों तक ज़माने की नज़र में बेशक अकेला हूँ क्या हुआ जो कोई नहीं आसपास मेरे चलो तुम्हारे चंद दिनों के दीवाने मुबारक तुम्हें मैं ना ही आजकल आशिक किसी का ना ही आशिकी का झमेला हूँ ©Neeraj Sharma #Jhamela #ishaq #Behaya #Log #Relationship