................. ©aman6.1 *~~【{◆◆फिर ही मैं◆◆}】~~* *खुद को आजमाता आया हूँ आजमाता जाऊंगा,तेरी ही चौखट पे जान लुटाऊंगा,मुझको मिलें कितने भी जन्म मेरे वतन,तेरी जमीं को ही गोद बनाऊंगा।* *काश मुझको मौका मिलता रहे हर बार,बनूं तेरी सरहदों की मैं धार,कोई नापाक कदम दिखे न तेरे आँगन,हर अंधेरे को आईना दिखाऊंगा।* *हसरत मिटा दू लकीरें जो तेरे वजूद पर,निकाल जुबान लपेट दूं गर्दन पे जो स्वाल उठाये तेरे रसूख पर,मेंरी तो रग रग मे है तू बसे,वादा है तुझसे वतन भारत अखंड फिर तुझको बनाऊंगा।*