जो दिल के पास होकर भी वो मुझसे दूर बहुत है, मिलन की आश लिए बैठा मगर मजबूर बहुत है। मिल जाती हमें इजाजत शायद खुल कर मिलने की, उस शख्स का मेरे साथ ही कसूर बहुत हैं।। -सरोज #प्रेमी