हर रब्त में रिश्तों की डोर टूटने का डर! इस जिस्म को रूह की रूठने का डर! साया बन चला हो हर कदम जो साथ! उस हमराह का साथ छुटने का डर! तोड़ भी दें कोई रब्त गर किसी से फिर! मुसलसल अंदर ही अंदर घुटने का डर! दुश्मन से भी जानलेवा हो गए हैं अपने! लिहाज़ा है अपनों के हाथों लुटने का डर! यारों बस झुकने पर बन जाती है हर बात! फिर भी हर दिल में है झुकने का डर! #rishtey #rabt #nojotohindi #nojotopoetry #nojotowritings #nojotowriters #jaajib #chandanvibes #ghazal #poetry #hindipoets #hindipoet #hindipoetry #igwriters #instawriters #writersofig #wordporn #wordswag #wordswisdom #lovecareshare #followformore