वो जीवन है..वो काल है, वही सर्वस्व - महाकाल है,, वो है शुरू..वो अंत है, वो आदि है - अनन्त है,, वो मुश्किलो में आस है, वो जीत है - विश्वास है,, वो प्रीत है.. वो रीत भी, है प्रेम की वो जीत है,, वो प्रेम है..वो भक्ति है, वही तो सर्व-शक्ति है,, गले मे सर्प विराज है, वो कल भी है..वो आज है,, वो जीवन का आकार है, वो शिव है..संसार है।। ©Shivam Nama वो भोले का भंडार है, वो क्रोध में अंगार है,, वो सर्प का श्रंगार है, वो शिव है-संसार है।। #Shiva