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कुछ के लिए बुरा तो कुछ के लिए ताकत और क्षमता हुँ

कुछ के लिए बुरा तो कुछ के लिए ताकत और क्षमता हुँ  -- 
 हा मैं वही रावन हूँ जो आज भी अपनी बहन की सुनता हूँ ।

  अपने झुठे स्वाभिमान का सम्मान लोग सतयुग से करते आ रहे हैं  , जो खुद अपने हाथों से इज्जत उतारते है वो आज खड़े होकर मेरे पुतले जला रहे हैं -

   ' उन्हें बता दुँ कि - " पुतले जलाने से क्या होगा हर तरफ राख और धुआँ होगा : 
   झाक कर देख अपने गिरेवान में जरा  ,
       ये  [ RAVAN]  तुझसे अच्छा कई गुना होगा ।।

ना मैं मरा था  - ना मैं हारा था 
मुझे बस मेरे विश्वास और भरोसे ने मारा था  ,
   हाँ  ! किया गलत एक औरत के इज्जत के लिए दुसरी को उठा लाया था  ,
    तो क्या   ? राम ने सीता को कुरान सा साफ और गीता सा पाक ही पाया था  .....तो क्यों फिर सीता को  सतयुग से कलयुग तक अगनी परीक्षा से गुजरना पड़ता है  ! 
   कभी अपनों में  - कभी परायों में उसे खुद को साबित करना पड़ता है  ।।।

   " हाँ  ! मैं वही रावन हूँ जिसे अयोध्या के राजा राम ने हराया था, 
  जिसके लिए हराया था  - वह  खुद भी उन्हें पास ना रख पाया था  !!" ।

     | हा , मैं घमंडी  - मैं पापी -
        ताकत का प्रतीक हूँ  ,
          मैं वही दसानंद जिददी हूँ और थोड़ा सा-  धीठ हूँ - " तो सुनो:    दुनिया वालों 
      "  तुम राम बन जाओ, 
         मैं रावन ही ठीक हूँ |

                            #राVAN_वाणी
कुछ के लिए बुरा तो कुछ के लिए ताकत और क्षमता हुँ  -- 
 हा मैं वही रावन हूँ जो आज भी अपनी बहन की सुनता हूँ ।

  अपने झुठे स्वाभिमान का सम्मान लोग सतयुग से करते आ रहे हैं  , जो खुद अपने हाथों से इज्जत उतारते है वो आज खड़े होकर मेरे पुतले जला रहे हैं -

   ' उन्हें बता दुँ कि - " पुतले जलाने से क्या होगा हर तरफ राख और धुआँ होगा : 
   झाक कर देख अपने गिरेवान में जरा  ,
       ये  [ RAVAN]  तुझसे अच्छा कई गुना होगा ।।

ना मैं मरा था  - ना मैं हारा था 
मुझे बस मेरे विश्वास और भरोसे ने मारा था  ,
   हाँ  ! किया गलत एक औरत के इज्जत के लिए दुसरी को उठा लाया था  ,
    तो क्या   ? राम ने सीता को कुरान सा साफ और गीता सा पाक ही पाया था  .....तो क्यों फिर सीता को  सतयुग से कलयुग तक अगनी परीक्षा से गुजरना पड़ता है  ! 
   कभी अपनों में  - कभी परायों में उसे खुद को साबित करना पड़ता है  ।।।

   " हाँ  ! मैं वही रावन हूँ जिसे अयोध्या के राजा राम ने हराया था, 
  जिसके लिए हराया था  - वह  खुद भी उन्हें पास ना रख पाया था  !!" ।

     | हा , मैं घमंडी  - मैं पापी -
        ताकत का प्रतीक हूँ  ,
          मैं वही दसानंद जिददी हूँ और थोड़ा सा-  धीठ हूँ - " तो सुनो:    दुनिया वालों 
      "  तुम राम बन जाओ, 
         मैं रावन ही ठीक हूँ |

                            #राVAN_वाणी
vkash3179137609025

Vkash ♣

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