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अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​, फिर भी मश

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,


ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं , कई दोस्त पुराने मेरे। Abhi Bhi Baaki Hai.. Kayi dost puraane mere..
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,


ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं , कई दोस्त पुराने मेरे। Abhi Bhi Baaki Hai.. Kayi dost puraane mere..
rahulkavi4076

Rahul Kavi

New Creator