दिसंबर का महीना ग़ालिब ये शायरी क्या बताएं ये सर्दी सारी रजाईयां बिस्तर पर धर दी तन पर वस्त्र पूर्ति भी कर दी फ़िर भी कहा से ये धस गी दिसम्बर का महीना है बेदर्दी शिवराज खटीक दिसम्बर बेदर्दी