White धूल की चमक किसी ने धूल क्या झोंकी आंखों में पहले से बेहतर दिखने लगा किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में, सच के आईने में सब साफ़ दिखने लगा। जो था धुंधला-सा वो चेहरा मेरा, अब और गहराई से समझने लगा। वो फरेब जो छुपे थे निगाहों के पीछे, अब हर झूठ का पर्दा गिरने लगा। धूल ने जो भी छिपाया था मुझसे, वो असलियत मेरे सामने खुलने लगा। धूल का परदा हटते ही, दिल की आँखें खुलने लगीं, जो दर्द सहन न कर सका मैं कभी, वो ज़ख्म धीरे-धीरे सिलने लगीं। धूल ने धोखे का राज़ बताया, सच का साया अब पास आने लगा। किसी ने झोंकी धूल आँखों में, पर मैं पहले से बेहतर देखने लगा। ©Writer Mamta Ambedkar #GoodMorning मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स' मोटिवेशनल कोट्स हिंदी