कोयल ने छेड़ी मीठी तान। शुरू हुआ भ्रमरों का गान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। आम्रमंजरी से आच्छादित। हुए मनुज सब आह्लादित। गेहूँ की बाली को लखकर, प्रफुल्लित हो गये किसान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। 24/03/2020 नव पल्लव संग मलयानिल। किरणों से करती झिलमिल। -विश्वासी वायुमंडल भी हुआ सुरभित, झूम रहा करके गुणगान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। शीत की शीतलता जाने को। शनैः - शनैः ग्रीष्म आने को। है पूरित सकल आयोजन, वृक्षों का परिवर्तित परिधान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। #वसन्त_आगमन #विश्वासी कोयल ने छेड़ी मीठी तान। शुरू हुआ भ्रमरों का गान। प्रकृति की अद्भुत छटा से, हुई है वसुधा शोभायमान। आम्रमंजरी से आच्छादित।