मानसिक बेचैनी चरम पर है... नौबत ऐसी है की अभी मृत्यु भी आ जाये तो बहुत राहत होगी खुद में ही गुम रहना , भीड़ से डर लगना , न कोई दोस्त न कोई प्रेमिका जिससे दो बात साझा कर पाऊं । इन सब का जिम्मेदार मैं खुद को मानता हूं , मैं ही कमज़ोर हूं , मैं अवसादी दलदल का एक भूगतभोगी हूं... ©Vaishnav #snow yeh jeevan hai..