नाव मेरी भव सागर में गोते खाती हे नारायण तू ही मेरी पतवार है तार दे इस बिगड़ी नईया को केशव हुआ जीना दुश्वार है प्रभुवर तूने सबको है तारा मैं अभागा करता पुकार रे मझदार में जिन्दगी की नईया कान्हा अब भव सागर से तार दे ✍️ हर्ष लाहोटी #prbhu #धर्म_और_आस्था