a-person-standing-on-a-beach-at-sunset अब तो बेकार ही भटकता हूँ इन सर्द वादियों में, नहीं मिलता कोई हमदर्द इन सर्द राहों में। मेरा वजूद कहीं खो गया है, तुम्हें कैसे बताऊँ, रातों में सुकून ढूँढ़ता हूँ मयख़ानों में। ©Dinesh Kumar Pandey positive life quotes