Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल के टुकड़े रखें हैं अब रिश्तों की तिजारत में। व

दिल के टुकड़े रखें हैं अब रिश्तों की तिजारत में।
वहीं सब समेटें हैं जो बिखरें थे तेरी मोहब्बत में।

कैसी जलन हैं दुश्मनी है और अफसोस भी है?
ऐ ख़ुदा क्यूं फर्क रखा है ख्वाब और हकीकत में।

बेगुनाही की दलील मांगी ताकि हम गुनाहगार लगे
इस तरह बेकसूर पेश किए कातिलों की अदालत में।

कब्र के उस मलबे से चुन कर चंद उम्मीदें लाया हूं।
सुना है जिंदगी मिलती है यहां तुम्हारी रहमत में।

जिस शान-ओ-शौकत को तू उस घर में ब्याही गई।
एक घर खरीदना है 'रूहान' उसी की ही इमारत में।





-A.Ruhan #ghazal #Tijarat #aRuhan
दिल के टुकड़े रखें हैं अब रिश्तों की तिजारत में।
वहीं सब समेटें हैं जो बिखरें थे तेरी मोहब्बत में।

कैसी जलन हैं दुश्मनी है और अफसोस भी है?
ऐ ख़ुदा क्यूं फर्क रखा है ख्वाब और हकीकत में।

बेगुनाही की दलील मांगी ताकि हम गुनाहगार लगे
इस तरह बेकसूर पेश किए कातिलों की अदालत में।

कब्र के उस मलबे से चुन कर चंद उम्मीदें लाया हूं।
सुना है जिंदगी मिलती है यहां तुम्हारी रहमत में।

जिस शान-ओ-शौकत को तू उस घर में ब्याही गई।
एक घर खरीदना है 'रूहान' उसी की ही इमारत में।





-A.Ruhan #ghazal #Tijarat #aRuhan
anandlade6181

A. Ruhan

New Creator