मेरी शायरी वज़नदार होने दो ; लिखूँगा इससे भी बैहतर , ज़रा इश्क़ का बुख़ार होने दो । डूब कर इश्क़ में , इश्क़ का मुझे कर्ज़दार होने दो ; लुटा दूंगा में सब कुछ मोहब्बत के नाम , ज़रा मुझे मुक़म्मल तलवार होने दो ।। ©KalaM_E_TalwaR_Official #NojotoQuote मेरी शायरी वज़नदार होने दो ; लिखूँगा इससे भी बैहतर , ज़रा इश्क़ का बुख़ार होने दो । डूब कर इश्क़ में , इश्क़ का मुझे कर्ज़दार होने दो ; लुटा दूंगा में सब कुछ मोहब्बत के नाम , ज़रा मुझे मुक़म्मल तलवार होने दो ।।