देख लिया ना आशा का आभाव जो हस्तगत है,फल है। परिवर्तन की उत्कटता में जीना अनिवार्य ना धारण करे कहीं घोर निराशा को ऐच्छिक ना मान बैठो मत करो स्वीकार परिभाषा दो!! दुःख के बाद सुख परम्परा नहीं,अल्पता है।। तन्हाई से तन्हाई बढ़ जाती है तुमने भी तन्हा रहकर अब देख लिया ना। #देखलियाना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #love #poetry