मेरे पापा ~~~~~~~ ~~~~~~~ बचपन हो या जीवन मुझे चलना सिखाते हैं। मेरे जीवन की वो हस्ती मेरे पापा कहाते है।। थके हारे बाहर से आना, बच्चों के खातिर कुछ लाना, और खुशी से गले लगाना, पाई-पाई जोड़ घर की खुशियांँ सजाते हैं। मेरे जीवन की वो हस्ती मेरे पापा कहाते है।। दस माँगू तो बीस मै पाता, हँसते-हँसते फिर पढ़ने जाता, वो बचपन फिर कभी ना आता, पर पापा बचपन सा प्रेम सदैव दिखाते हैं। मेरे जीवन की वो हस्ती मेरे पापा कहाते है।। बच्चों पे तो पूरा ध्यान, ठंडी वर्षा हर समय का ज्ञान, औलादो में है बसती जान, मजबूत इरादों से जीवन को महकाते हैं। मेरे जीवन की वो हस्ती मेरे पापा कहाते है।। -देव फैजाबादी अयोध्या ( यू. पी.) ©DEV FAIZABADI #poem#father's#mere_papa# #nojoto_hindi#nojotoenglish#nojotourdu#nojotonews# =====अनुशीर्षक===== मेरे पापा ~~~~~~~