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कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे, अप

कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे,
अपनी खामोशियों के किस्से सुनाने हैं,
अपने दिल से ज़ुबान तक के फासले मिटाने हैं,
कुछ मेरे जज़्बात पुराने, कुछ नए एहसास सुनाने हैं,
मेरी उम्मीदों के किस्से, क्यों दर्द थे मेरे हिस्से,
अल्फ़ाज़ मेरे लबों पे हैं पर कुछ चुप से,
अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में लेना इनको..
कुछ देर ठहर जाना 
और अपनी आवाज़ देना इनको..

                         मेरी सुबह का आगाज़ बताना है तुम्हें, 
                         दोपहर का हमराही बनाना है तुम्हें,
                         शाम को ढ़लते सूरज सा ढल जाना है तुम में,
                         रात को चाँद सितारों की बातें बतानी है तुम्हें..

कुछ चुगलियाँ करनी हैं मुझे वक़्त की तुमसे,
दिल का शोर भी सुनाना है तुम्हें,
बहोत पल चुरा लिए इस ज़िन्दगी ने मेरे मुझसे..
सब शिकायतें जतानी हैं.. और सुनानी हैं तुम्हें..
कुछ आँसू छुपा रखें हैं दुनिया से, वो सब बहाने हैं मुझे,
कुछ मुस्कुराहटें तुम्हारे नाम करनी हैं मुझे,
ढ़ेरों बातें करनी हैं तुमसे,
                          सुबह को शब तुम्हारे साथ करना है मुझे...
                           बस तुम फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे..... कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे,
अपनी खामोशियों के किस्से सुनाने हैं,
अपने दिल से ज़ुबान तक के फासले मिटाने हैं,
कुछ मेरे जज़्बात पुराने, कुछ नए एहसास सुनाने हैं,
मेरी उम्मीदों के किस्से, क्यों दर्द थे मेरे हिस्से,
अल्फ़ाज़ मेरे लबों पे हैं पर कुछ चुप से,
अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में लेना इनको..
कुछ देर ठहर जाना
कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे,
अपनी खामोशियों के किस्से सुनाने हैं,
अपने दिल से ज़ुबान तक के फासले मिटाने हैं,
कुछ मेरे जज़्बात पुराने, कुछ नए एहसास सुनाने हैं,
मेरी उम्मीदों के किस्से, क्यों दर्द थे मेरे हिस्से,
अल्फ़ाज़ मेरे लबों पे हैं पर कुछ चुप से,
अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में लेना इनको..
कुछ देर ठहर जाना 
और अपनी आवाज़ देना इनको..

                         मेरी सुबह का आगाज़ बताना है तुम्हें, 
                         दोपहर का हमराही बनाना है तुम्हें,
                         शाम को ढ़लते सूरज सा ढल जाना है तुम में,
                         रात को चाँद सितारों की बातें बतानी है तुम्हें..

कुछ चुगलियाँ करनी हैं मुझे वक़्त की तुमसे,
दिल का शोर भी सुनाना है तुम्हें,
बहोत पल चुरा लिए इस ज़िन्दगी ने मेरे मुझसे..
सब शिकायतें जतानी हैं.. और सुनानी हैं तुम्हें..
कुछ आँसू छुपा रखें हैं दुनिया से, वो सब बहाने हैं मुझे,
कुछ मुस्कुराहटें तुम्हारे नाम करनी हैं मुझे,
ढ़ेरों बातें करनी हैं तुमसे,
                          सुबह को शब तुम्हारे साथ करना है मुझे...
                           बस तुम फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे..... कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे,
अपनी खामोशियों के किस्से सुनाने हैं,
अपने दिल से ज़ुबान तक के फासले मिटाने हैं,
कुछ मेरे जज़्बात पुराने, कुछ नए एहसास सुनाने हैं,
मेरी उम्मीदों के किस्से, क्यों दर्द थे मेरे हिस्से,
अल्फ़ाज़ मेरे लबों पे हैं पर कुछ चुप से,
अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में लेना इनको..
कुछ देर ठहर जाना

कभी फ़ुरसत से आना, बहोत सी बातें करनी हैं तुमसे, अपनी खामोशियों के किस्से सुनाने हैं, अपने दिल से ज़ुबान तक के फासले मिटाने हैं, कुछ मेरे जज़्बात पुराने, कुछ नए एहसास सुनाने हैं, मेरी उम्मीदों के किस्से, क्यों दर्द थे मेरे हिस्से, अल्फ़ाज़ मेरे लबों पे हैं पर कुछ चुप से, अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में लेना इनको.. कुछ देर ठहर जाना #yqbaba #yqdidi #फुरसत #तुम_और_मैं