तू दलील चाहे जितनी भी पेश कर दे हम नहीं मानते जो गलत है तू चाहे जितना कहे सही हम नहीं मानते कितना हंगामा करता है दूसरे के लिए समझ नहीं आता अपने लिए तू अच्छा नहीं करता इसलिए हम नहीं मानते हर झूठ बात को सच साबित करने पर तुला रहता है इसलिए तेरी हर झूठी बात कही हुई को हम नहीं मानते हर बार मेरे मुल्क में नफरत फ़ैलाने की बात करते हो कितने झूठे मक्कार हो तुम इसलिए तेरी बात हम नहीं मानते क्या कमी है मेरे देशभक्ति में जो हर बार तू कहता है गद्दार आज भी हो तुम मुल्क के लोग कहते है हम नहीं मानते तू दलील चाहे जितनी भी पेश कर दे हम नहीं मानते जो गलत है तू चाहे जितना कहे सही हम नहीं मानते कितना हंगामा करता है दूसरे के लिए समझ नहीं आता अपने लिए तू अच्छा नहीं करता इसलिए हम नहीं मानते हर झूठ बात को सच साबित करने पर तुला रहता है इसलिए तेरी हर झूठी बात कही हुई को हम नहीं मानते