●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● तेरे एहसासात में ही सँवरना आ गया, ख़्यालातों के भँवर से उबरना आ गया। अज़ब है इंसान जानता है सारी हक़ीक़त, फिर भी चाहत में हद से गुज़रना आ गया। इल्म था अच्छे से सब रह जाएगा यहीं पर, मग़र टूटकर ज़र्रा ज़र्रा बिख़रना आ गया। ये सख़्त रास्तें और सदीद धूप में सफ़र मेरा, मुझें जलतीं ज़मीं पर भी पांव धरना आ गया। 'इबादत'तुझसें शुरू होकर तुझपर ही ख़त्म हुई, चलते चलते बीच सफ़र में उतरना आ गया। आसान होते नही है ये मोहब्बत के रास्तें अंजान, डूबकर दरिया-ए-इश्क़ में पार उतरना आ गया। ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● ग़ज़ल (इबादत) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkइबादत #yqdidi #yqbaba #asetheticthoughts