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काँच से मन को छूकर दरपन कर डाले चांदी की सतहें हो,

काँच से मन को छूकर दरपन कर डाले
चांदी की सतहें हो,पिघला पारा हो तुम

हाँ, मुझमें इतना सारा हो तुम....

:/शंकर

#जिल्दसाज़ी

©Shankar Singh Rai #ishkunlimited #IshqUnlimited 

#जिल्दसाज़ी

#Love
काँच से मन को छूकर दरपन कर डाले
चांदी की सतहें हो,पिघला पारा हो तुम

हाँ, मुझमें इतना सारा हो तुम....

:/शंकर

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©Shankar Singh Rai #ishkunlimited #IshqUnlimited 

#जिल्दसाज़ी

#Love