न जाने क्या कसक रह गई , जताने में हम वो दर छोड़ ही आए जो खुलते थे बस हमारे आशियाने में। मेहमान 2 दिन का हो - तो ही अच्छा है। यहाँ खौफ खाते हैं लोग अपनों-संग जिंदगी बिताने में। #मेहमान #खौफ़