पल्लव की डायरी बेड़िया डालकर,कोई खामोश करा गया लूट कर जिंदगी, घर मे ही कैद करा गया खुशियों के गले पर, पैनी छुरी चलाकर चला गया डरो को दिलो में बैठाकर,मौत को गले लगा गया काश ये सब झूठ होता,इरादों से जीना मरना अंदाज व्या करता है साजिशों से मरना, कत्ल हुआ लगता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" साजिशों से मरना, कत्ल हुआ लगता है #पल्लव_की_डायरी