चलाे दाेस्ताें एक ख्वाब सजाते है किसी की घरवाली बनने से पहले खुद का एक घर बनाते है तब न हमारी नुमाईश हाेगी न लंबी गाड़ी की फरमाईश हाेगी न हमारे रंग-रूप,कद-काठी की आजमाईश हाेगी तब हम निंव के पत्थर न बनेंगे हमारे सपने किसी के आँगन में न बिखरेंगें पूर्ण हाेंगें हम अपने आप मे हमें जलाने की कुवत तब न हाेगी किसी के माँ -बाप में कभी-कभी आसपास कुछ ऐसा हाे जाता है कि मन बहुत व्यथित हाे जाता है ,और तब बरबस खुद में ही बेबसी का अहसास हाेता है,हम चाहते है परिस्थितियाे के खिलाफ कुछ करना पर सभ्यता और संस्कार की बेड़ियाें से जकड़े हाेते है ।और ऐसे समय में मन में यही ख्याल आता है- रस्मे दुनिया मुबारक हाे उनकाे,हमे ताे अकेले रहना हीं भाता है शहनाई की जरूरत क्यां है,अपना दिल ताे खामाेंशियाें काे गुनगुनाता है ख्वाब#अपना घर #yqbaba#yqdada#yqdidi#yqlive#yqhindi#yq