देश प्रेम की लहरें थी, लहरों में उफ़ान था! लंदन तक हिला डाला, एक ऐसा तुफ़ान था! ब्याहने निकला आजादी को , धारा बसंती परिधान था! जान वतन था उसकी, वो वतन की जान था! जिसकी कीमत जान थी, वतनपरस्ती वो इम्तिहान था! देश प्रेम की लहरें थी, लहरों में उफ़ान था! लंदन तक हिला डाला, एक ऐसा तुफ़ान था! ब्याहने निकला आजादी को , धारा बसंती परिधान था!