वैसे तो मियां अहले जुनूं कम होते हैं । देखने बाले ये समझते हैं, कि खूं रोते हैं । पूंछने बाले बाजिद हैं, बताया जाए । रोने बालों को नहीं याद क्यूं रोते हैं । उसकी आंखो को कहां आता था रोना " साहिर" । मैंने रोकर दिखाया कि यूं रोते हैं । by # zhanjeb sahir #यूं रोते हैं #