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अच्छा एक बात बताओ... कभी तुमने किसी को अपने इतना क

अच्छा एक बात बताओ...
कभी तुमने किसी को अपने इतना करीब महसूस किया है की उसके  चले जाने के डर से  नींद न आये?किसी को खोने  से  डरते हो? कभी ऐसा लगता है की उसके बिना शायद तुम ये आगे की लाइफ तो काट ही लोगे पर जीवन के अंतिम पड़ाव में कहीं न कहीं ये अफ़सोस रहेगा की वो एक जो चला गया अगर वो साथ होता तो जिंदगी कुछ औऱ ही होती।।

क्या कहा? मैं अपनी सुनाऊं..?

मेरा क्या है ही तुम्हारे अलावा...,
मैं तो रोज़ सपने में जीता हूं, महसूस करता हूं औऱ खुश होता हूं की कम से कम सपने में तो हम साथ है...तुम्हें पता है हम रोज़ मिलते है सपनो में, इन बनावटी दुनिया से दूर बहुत दूर  जहाँ सिर्फ़ हम होते है । मैं तो तुम्हें  देखते रहना चाहता हूं।  यूं ही तुम्हारे हाथों को हाथ में लिए  बैठे रहना चाहता हूं।। बस चाहता हूं की मैं हमेशा नींद में ही रहूँ ताकि हक़ीक़त में न सही पर यहाँ तो तुमसे रोज़ मिलता रहूं। 

कभी कभी ऐसा लगता है की तुम्हारे बिना ये जिंदगी किसी काम की नही...
पर साला करे क्या...मरने के बाद भी सपने आते है इसकी गारंटी कौन  देगा..??

©Anandilwale अच्छा एक बात बताओ...
कभी तुमने किसी को अपने इतना करीब महसूस किया है की उसके  चले जाने के डर से  नींद न आये?किसी को खोने  से  डरते हो? कभी ऐसा लगता है की उसके बिना शायद तुम ये आगे की लाइफ तो काट ही लोगे पर जीवन के अंतिम पड़ाव में कही न कही ये अफ़सोस रहेगा की वो एक जो चला गया अगर वो साथ होता तो जिंदगी कुछ औऱ ही होती।।

क्या कहा? मैं अपनी सुनाऊं...?

मेरा क्या है ही तुम्हारे अलावा...,
मैं तो रोज़ सपने में जीता हूं, महसूस करता हूं औऱ खुश होता हूं की कम से कम सपने में तो हम साथ है...तुम्हें पता है हम रोज़ मिलते है सपनो में, इन बनावटी दुनिया से दूर बहुत दूर  जहाँ सिर्फ़ हम होते है । मैं तो तुम्हें  देखते रहना चाहता हूं।  यूं ही तुम्हारे हाथों को हाथ में लिए  बैठे रहना चाहता हूं।। बस चाहता हूं की मैं हमेशा नींद में ही रहूँ ताकि हक़ीक़त में न सही पर यहाँ तो तुमसे रोज़ मिलता रहूं।
अच्छा एक बात बताओ...
कभी तुमने किसी को अपने इतना करीब महसूस किया है की उसके  चले जाने के डर से  नींद न आये?किसी को खोने  से  डरते हो? कभी ऐसा लगता है की उसके बिना शायद तुम ये आगे की लाइफ तो काट ही लोगे पर जीवन के अंतिम पड़ाव में कहीं न कहीं ये अफ़सोस रहेगा की वो एक जो चला गया अगर वो साथ होता तो जिंदगी कुछ औऱ ही होती।।

क्या कहा? मैं अपनी सुनाऊं..?

मेरा क्या है ही तुम्हारे अलावा...,
मैं तो रोज़ सपने में जीता हूं, महसूस करता हूं औऱ खुश होता हूं की कम से कम सपने में तो हम साथ है...तुम्हें पता है हम रोज़ मिलते है सपनो में, इन बनावटी दुनिया से दूर बहुत दूर  जहाँ सिर्फ़ हम होते है । मैं तो तुम्हें  देखते रहना चाहता हूं।  यूं ही तुम्हारे हाथों को हाथ में लिए  बैठे रहना चाहता हूं।। बस चाहता हूं की मैं हमेशा नींद में ही रहूँ ताकि हक़ीक़त में न सही पर यहाँ तो तुमसे रोज़ मिलता रहूं। 

कभी कभी ऐसा लगता है की तुम्हारे बिना ये जिंदगी किसी काम की नही...
पर साला करे क्या...मरने के बाद भी सपने आते है इसकी गारंटी कौन  देगा..??

©Anandilwale अच्छा एक बात बताओ...
कभी तुमने किसी को अपने इतना करीब महसूस किया है की उसके  चले जाने के डर से  नींद न आये?किसी को खोने  से  डरते हो? कभी ऐसा लगता है की उसके बिना शायद तुम ये आगे की लाइफ तो काट ही लोगे पर जीवन के अंतिम पड़ाव में कही न कही ये अफ़सोस रहेगा की वो एक जो चला गया अगर वो साथ होता तो जिंदगी कुछ औऱ ही होती।।

क्या कहा? मैं अपनी सुनाऊं...?

मेरा क्या है ही तुम्हारे अलावा...,
मैं तो रोज़ सपने में जीता हूं, महसूस करता हूं औऱ खुश होता हूं की कम से कम सपने में तो हम साथ है...तुम्हें पता है हम रोज़ मिलते है सपनो में, इन बनावटी दुनिया से दूर बहुत दूर  जहाँ सिर्फ़ हम होते है । मैं तो तुम्हें  देखते रहना चाहता हूं।  यूं ही तुम्हारे हाथों को हाथ में लिए  बैठे रहना चाहता हूं।। बस चाहता हूं की मैं हमेशा नींद में ही रहूँ ताकि हक़ीक़त में न सही पर यहाँ तो तुमसे रोज़ मिलता रहूं।

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