*कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा.. तो*, *कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा..* *कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ.. तो*, *कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा..* *तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे*, *'जैसा तेरा भाव' वैसा 'प्रभाव' मिलेगा..*