मत करो शक मुझपे मैं जिन्दगी से चली जाऊँगी जतालो कुछ हक अपना वरना ख्वाबों से उतर जाऊँगी इतनी कमजोर स्त्री नहीं हूँ मैं जो हिफाजत खुद की कर न सकूँ पतिव्रता हूँ और रहूँगी वरना मर जाऊँगी कोई छू क्या नजर मिला नहीं सकता जैसे रानी लक्ष्मीबाई, फूलनदेवी न जाने किस किस हद से गुजर जाऊँगी ©Santosh Narwar Aligarh #doori#mat#karo#shak#mujhpe