रातों में आने वालें तुम मेरे इक हसीन ख्व़ाब हो, सुबह उठ़के ख़ुदा से मांगा हुआ इक वरदान हो। जिंन्दगी में रही नहीं अब कोई ख्व़ाहिश अधूरी, जिस दिन से पाया तुम्हें बस तुम मेरे भगवान हो। कैसे कहूं तुमसे कि तुम मेरे लिएं आज़ क्या हो, बस चाहता हूं कि मेरी सुबह शाम तुमसे शुरू हो। और हो जाएं ख़त्म़ मेरी हर मुराद़ पुरी ऐसा जादुं हो, या हो कोई ऐसा चमत्क़ार जो सिर्फ़ मुझसे शुरू हो। जबसे देखा है तुम्हें होश अब ना मुझे रहने लगा हो, रहना चाहता हूं बस एक तुम्हारें ही प्यार का नशा हो। मिल जाएं गर साथ तुम्हारा तो जीवन की शुरूआत हो, बस एक यहीं दुआ मेरी ख़ुदा से सुबह शाम ही रहती हो। एक शाम जिंदगी की तुम्हारे नाम मैं कुछ़ यूँह लिखना चाहता हूं, कि हो जाएं मेरी हर मुराद़ पूरी ऐसी ख्व़ाहिश ख़ुदा से चाहता हूं। जीवन की हर ख़ुशी में हो शामिल सिर्फ़ मैं तुम्हारा साथ चाहता हूं, क्योंकि ग़म के लिएं रखीं ना कोई जगह अब मैं ऐसा चाहता हूं। मिल जाएं साथ इक तुम्हारा बस यहीं मन्नत रोज़ करना चाहता हूं, बस आप मेरे लिएं रब का भेजा हुआ अनमोल तोह़फा चाहता हूं।