हम भी वहीं मिले थे उनसे... जहाँ कई रास्तों से आकर रास्ते कई मिला करते है! कुछ उन्ही को खटखटाने.... दुआ,सलाम की हाजिरी किये देता हूँ! वो न किये , रही मर्जी उनकी सोच यही यह आह भी दबा दिया करते है हम तो रहे ही नही महफ़िल के उनके!! #रास्ते #याद #पुरानी_याद #misralove#misraword