बारिश का कहर।। (पूर्ण भाग अनुशीर्षक में) कल रात की धमाकेदार बारिश ने सभी के होश उडा़ दिए। बादलों की जो़र-जो़र की गड़गडा़हट और धुँवाधार बारिश की आवाज़ ने नींद उडा़ दी। सोने के कईं प्रयास हुए,पर चिंताओं ने उन्हे विफल किया। याद आ गई कुछ पिछले बरस की बातें। कैसे पेरेंट्स आकर स्कूल मेंं मुझे बताते। कल रात को सो नहीं पाए,बारिश के कारण.. रात भर खोजते रहे घर में घुसे पानी का निवारण। टीवी,बैग्स,बुक्स को चढा़ दिया था पलंग पे,