मेरे वजूद मे काश तू उतार जाए मे देखु आईना ओर तू नज़र आए, तू हो सामने और वक़्त ठहर जाए, ये ज़िंदगी तुझे यू ही देखते हुए गुज़र जाए.. Kamlesh Kumar Nirala