"रुखसत वो ख्वाहिश अधूरी नहीं हुई, यादों से भी तो कभी दूरी नही हुई, आ जाओ लौट के कि अब इंतजार मुश्किल है, बरसों से नींद भी तो पूरी नहीं हुई.. #ख़्वाहिश #नींद #यादें